बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय की एक संयुक्त yojna है जिसके अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिए इस योजना का शुरुआत 22 जनवरी 2015 को पानीपत हरियाणा में शुरू की गई थी|
•भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है पर बढ़ती जनसंख्या के बावजूद लड़कियों का लिंगानुपात घटता जा रहा है हालांकि 2011 की जनगणना में प्रति एक हजार पुरुषों पर  943 लड़कियों की संख्या है|

इस योजना के प्रमुख उद्देश्य:-

•बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना
•शोषण से बचाना वह उन्हें सही गलत के बारे में अवगत कराना|
•पक्षपाती लिंग चुनाव की धारणा को बदलना
•बेटियों की अस्तित्व सुरक्षा सुनिश्चित करना|
•शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सामाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाना|
•महिलाओं के प्रति हो रहे सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक आदि किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोकना|

लक्षित समूह:-

• युवा और नवविवाहित जोड़ी, गर्भवती और स्तनपान कराने वाले महिलाएं, माता पिता|
•युवा, किशोर लड़के और लड़कियां, ससुराल पक्ष, चिकित्सक, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम|
•अधिकारी, पंचायती राज संस्थान, स्व सहायता समूह, धार्मिक नेता, मीडिया, चिकित्सक एवं उद्योग संघ, सामान्य जन आदि|

इस योजना पर कार्य करने की नीतियां:-

•महिलाओं एवं बालिकाओं की शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष बल देना|
•महिला में बालिकाओं पर हो रहे अत्याचारों अपराधों की रोकथाम हेतु प्रयास करना|
•बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक आंदोलन और जन जागरूकता अभियान शुरू करना|
•निम्न लिंगानुपात वाले जिलों की पहचान कर गहन और एकीकृत करवाई करना|
•सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए महिला संगठनों युवाओं स्थानीय निकाय सामाजिक कार्यकर्ता की मदद लेना|


निगरानी घटक:-

•संवेदनशील चयनित जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में 1 वर्ष में 2 अंकों का सुधार करना|
•5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में लैंगिक अंतराल को कम करते हुए 1.5 अंक प्रतिवर्ष करना|
•माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन दर को तीव्र करना|
•चयनित जिलों  के प्रत्येक स्कूल में लड़कियों के लिए शौचालय उपलब्ध कराना|
•लड़कियों के पोषण स्थिति में सुधार करते हुए, एनीमिया पीड़ित लड़कियों की संख्या को कम करना|
•पास्को अधिनियम 2012 के कार्यान्वयन पर जोर देना|
•आईसीडीएस सेवाओं को सुनिश्चित करना|



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