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स्वच्छ भारत अभियान:swachh bharat abhiyan |
•स्वच्छ भारत yojna के दो घटक हैं :-पहला - स्वच्छ भारत मिशन शहरी,
दूसरा - स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण|
स्वच्छ भारत मिशन शहरी
•स्वच्छ भारत मिशन शहरी का प्रमुख उद्देश्य खुले में शौच की प्रथा को खत्म करना|
•हाथ से मैला ढोने की प्रथा को खत्म करना|
•शौचालय के अवसन्नरचनाओं को मजबूत बनाना|
•स्वस्थ स्वच्छता प्रथाओ में लोगों को जागरूक करना और लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना|
•शहरी स्थानीय निकायों को मजबूत बनाना|
•पूंजीगत व्यय और संचालन एवं रखरखाव जैसे खर्चे में निजी भागीदारी को बढ़ावा देना|
इस योजना के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं :-
•घरेलू शौचालयों का निर्माण
• ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन
• सूचना शिक्षा और संचार तथा जन जागरूकता
•क्षमता निर्माण एवं प्रशासनिक और कार्यालय व्यय
•सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय
✓स्वच्छ भारत मिशन शहरी को 2 अक्टूबर 2014 को 5 वर्ष की अवधि के लिए शुरू किया गया था| खुले में शौच मुक्त यानी ODF फ्री 35 राज्यों के शहरी क्षेत्रों को पूर्ण कर लिया गया है| केंद्र सरकार और राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के बीच वित्त पोषण का अनुपात 75:25 है और पूर्वोत्तर और विशेष श्रेणी वाले राज्यों के लिए 90:10 है
✓ वित से संबंधित समस्या को कम करने के लिए वित्त मंत्रालय के स्वच्छ भारत कोष और निगमित सामाजिक दायित्व को लाया गया है|
इसके लाभ निम्नलिखित हैं:-
•एक लाख से कम आबादी वाले सभी शहर ODF++ प्रमाणित हो जाएंगे|
• कचरा मुक्त शहरों के लिए शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा रेटिंग प्रोटोकॉल शुरू किया गया है|
•सभी सांविधिक नगर ओडीएफ प्लस प्रमाणित हो जाएंगे|
• सभी पुराने अपशिष्ट स्थलों का जैव उपचार अच्छे तरीके से किया जाएगा|
(ODF)-खुले में शौच मुक्त
(ODF+)-जल रखरखाव और स्वच्छता युक्त शौचालय
(ODF++)-मल अपशिष्ट और सेप्टेज प्रबंधन युक्त शौचालय
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण
उद्देश्य:-
•सफाई व स्वच्छता में सुधार तथा खुले में शौच की प्रथा को समाप्त करके ग्रामीण जीवन में सुधार लाना है|
• समुदायों एवं पंचायती राज संस्थानों को जागरूकता एवं स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्वच्छता कि सुविधाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करना है|
•पर्यावरण रूप से सुरक्षित तथा सराहनीय लागत के उपयोग से उपयुक्त नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना|
• ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट के प्रबंधन पर ध्यान देना|
• समुदायिक रूप से स्वच्छता प्रणालियों का विकास करना और स्वच्छता सुधार करते हुए महिला पुरुष समानता पर विशेष बल देना|
विशेषताएं:-
•यह मिशन वर्ष 2014 से 2019 तक देश को खुले में शौच मुक्त यानी ODF(OPEN DEFECATION FREE) बनाने के लिए इस अभियान को शुरू किया गया था|
•इस योजना से ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर में सुधार लाना और ग्राम पंचायतों को ओडीएफ बनाने का प्रयास करना है|
•भारत सरकार द्वारा व्यक्तिगत परिवारिक शौचालयों के निर्माण में मदद हेतु लोगों को राशि मुहैया कराई जाती है जिसमें बीपीएल के सभी परिवारों के लिए यह राशि उपलब्ध है और एपीएल के उन परिवारों को भी राशि दी जाती है जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत किसान, भूमिहीन मजदूर, शारीरिक रूप से दिव्यांग, और महिला मुखिया वाले परिवार हो|
•इसे विश्व का सबसे बड़ा व्यवहार में परिवर्तन लाने वाला कार्यक्रम कहा जाता है|
•2 अक्टूबर 2019 को भारत के सभी जिलों ने स्वयं को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया है|
•इस योजना का दूसरा चरण 2020-21 से कई से वर्ष 2024-25 की अवधि के लिए शुरू किया गया है|
•दूसरे चरण में देश की सभी ग्राम पंचायत में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी|
•दूसरे चरण का वित्त पोषण 15वें वित्त आयोग के अनुदान, मनरेगा आदि के माध्यम से उपयोग किया जाएगा|
•ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के चार प्रमुख क्षेत्र है जो इस प्रकार हैं- मल गाद प्रबंधन, घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, जैव निम्नीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जिसमें पशु अपशिष्ट भी सम्मिलित है|
•कंपोस्ट पिट ,जल को सोखने वाले गर्त, अपशिष्ट जल, तालाब और सामग्री संग्रह केंद्रों के निर्माण के माध्यम से रोजगार का सृजन भी किया जाएगा|
ODF+गांव:-
वैसा गांव जो खुले में शौच मुक्त हो, ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन अच्छे से करता हो, गांव देखने में स्वच्छ और सुंदर दिखाई देता हो, गांव के सभी घरों के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय, पंचायत भवन ,सामुदायिक भवन ,आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय की सुविधा हो|